आधुनिकता के नाम पर हमारे मूल्य और संस्कार ना हों कमजोर

संस्थाएं

बालोतरा।

आधुनिकता के नाम पर हमारे मूल्य और संस्कार ना हों कमजोर

साध्वी अणिमाश्री जी के सान्निध्य में तेरापंथी सभा के तत्वावधान में तेरापंथ भवन के रमणीय परिसर में ‘जैन श्रावक सम्मेलन – प्रतिध्वनि सामाजिक उत्थान की’ का भव्य एवं संघ-प्रभावक आयोजन विशाल जनउपस्थिति में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का प्रारंभ मंगलाचरण से हुआ। सभा के मंत्री राजेश बाफना ने बताया कि जैन समाज के विशिष्ट एवं प्रतिष्ठित व्यक्तियों की गरिमामयी उपस्थिति ने आयोजन की शोभा को और अधिक बढ़ा दिया। समाज के अनेक रिसोर्ट संचालक भी इस सम्मेलन में उपस्थित हुए और उन्होंने साध्वी अणिमाश्री जी के समक्ष यह संकल्प लिया कि उनके रिसोर्ट में न तो शराब का सेवन होगा और न ही मांसाहार की अनुमति दी जाएगी। पूरी परिषद ने 'ऊँ अर्हम' की सामूहिक ध्वनि के साथ इस संकल्प का स्वागत किया।
अपने उद्बोधन में साध्वीश्री अणिमाश्री जी ने कहा— 'हो सामाजिक उत्थान, बढ़े जिनशासन की शान'—यह केवल नारा नहीं, बल्कि जिनशासन के गौरव को ऊँचाई देने का दृढ़ संकल्प है। वर्तमान समय में जैन समाज को अपने खान-पान, रहन-सहन और जीवनशैली में संयम और संस्कारों का संतुलन बनाए रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि आधुनिकता के नाम पर हमारे मूल्य और संस्कार कमजोर न हों, इसके लिए सावधानी आवश्यक है।
साध्वीश्री ने समाज को सचेत करते हुए कहा कि एल्कोहल और हुक्का पार्टियों की प्रवृत्ति अब घरों तक पहुँचने लगी है, जो चिंताजनक है। विवाह समारोहों में भी दिखावा, आडंबर, आतिशबाजी, जमीकंद भोज और फूलों की अत्यधिक सजावट जैसी प्रवृत्तियाँ जैन संस्कारों पर आघात कर रही हैं। उन्होंने समाज से आग्रह किया कि इन विकृतियों पर गंभीर चिंतन कर ठोस निर्णय लिया जाए ताकि समाज को नई दिशा मिल सके। मृत्युभोज की प्रथा को साध्वीश्री ने समाज की कुप्रथा बताते हुए कहा कि 'हम मृत्युभोज न करें और न ही उसमें भाग लें' — इस संकल्प को सभी ने खड़े होकर स्वीकार किया। इसी क्रम में सैकड़ों युवक-युवतियों और किशोर-कन्याओं ने शराब, हुक्का, नॉनवेज, बैचलर पार्टी और प्री-वेडिंग शूट से दूर रहने का संकल्प लिया। साध्वी सुधाप्रभा जी ने मंच संचालन करते हुए कहा कि हमें अपनी संस्कृति और संस्कारों को सुदृढ़ बनाए रखते हुए ऐसे कार्य करने चाहिए, जिनसे परिवार, समाज और देश में जैन धर्म की प्रतिष्ठा बढ़े। साध्वी कर्णिकाश्री जी और साध्वी मैत्रीप्रभा जी ने सामाजिक चिंतन पर प्रेरक विचार प्रस्तुत किए, वहीं साध्वी समत्वयशा जी ने मंगल संगान किया।
लालबाग रिसोर्ट के संचालक नरेश पाटोदी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि जैन समाज का यह कदम समाज सुधार की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है।कार्यक्रम में ओसवाल समाज अध्यक्ष शांतिलाल डागा, मूर्तिपूजक तपागच्छ अध्यक्ष गणपत पटवारी, स्थानक समाज मंत्री ओम बांठिया, जैन सोशल अध्यक्ष प्रकाश बालड, जैन नवयुवक मंडल अध्यक्ष पवन बाफना, सीईटीपी अध्यक्ष रूपचंद सालेचा, लघु उद्योग अध्यक्ष जसवंत गोगड़ सहित विभिन्न जैन संगठनों, संस्थाओं और क्षेत्रों के सैकड़ों प्रतिनिधि उपस्थित थे। सभाध्यक्ष महेन्द्र वेदमूथा ने सभी आगंतुकों का स्वागत-अभिनंदन किया तथा मंत्री प्रकाश वेदमूथा ने आभार ज्ञापन प्रस्तुत किया।