साध्वी जयप्रभा जी की स्मृति सभा

संस्थाएं

साध्वी जयप्रभा जी की स्मृति सभा

हैदराबाद
साध्वी काव्यलता जी ने कहा कि भिक्षु शासन नंदन वन है। इस संघ में आने वाले साधु-साध्वियाँ अपने भाग्य की सराहना करते हुए अपनी साधना में मस्त रहते हैं। शासनश्री साध्वी जयप्रभा जी हमारे धर्मसंघ की संघनिष्ठ, गुरुनिष्ठ, आचारनिष्ठ साध्वी थी। आपने परम पूज्य आचार्य तुलसी के करकमलों से दीक्षा स्वीकार कर धर्मसंघ की अच्छी सेवा की।
स्व0 साध्वी विजयश्री जी महासतिया जी के सान्‍निध्य में रहकर ज्ञान, दर्शन, चारित्र, तप की साधना का आगे बढ़ाया। लंबी-लंबी यात्राएँ करके आपने धर्म शासन की अच्छी प्रभावना की।
बचपन में हमें भी साध्वीश्री जी द्वारा संघनिष्ठा के संस्कार समय-समय पर मिलते थे। आपने अच्छा जीवन जीया। अंतिम समय में संथारा कर अपने जीवन को धन्य बना दिया। हम यही मंगलकामना करते हैं कि उनकी आत्मा शीघ्र मोक्ष गति को प्राप्त हो।
साध्वी ज्योतियशा जी, साध्वी सुरभिप्रभा जी ने भी साध्वीश्री के गुणों का स्मरण किया। नौरतमल आदि ने श्रद्धा-सुमन समर्पित किए।