112वें जन्मदिवस के उपलक्ष्य में आयोजित अणुव्रत दिवस

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नई दिल्ली।

112वें जन्मदिवस के उपलक्ष्य में आयोजित अणुव्रत दिवस

दिल्ली नगर निगम (सिविक सेंटर) स्थित केदारनाथ साहनी ऑडिटोरियम‌ में अणुव्रत प्रवर्तक आचार्य श्री तुलसी की 112 वें जन्मदिवस के उपलक्ष में आयोजित अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी के विद्वान शिष्य डॉ. मुनिश्री अभिजीत कुमार जी एवं मुनि श्री जागृतकुमार जी के सान्निध्य में अणुव्रत दिवस का आयोजन अणुव्रत समिति ट्रस्ट दिल्ली एवं जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, दिल्ली द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।‌
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्रीमती रेखा गुप्ता मुख्यमंत्री दिल्ली सरकार, विशिष्ट अतिथि श्री संदीप कपूर, पर्यावरण प्रबंधन सेवाएं समिति दिल्ली नगर निगम, श्री बाबू लाल गोलछा अध्यक्ष अणुव्रत समिति ट्रस्ट, दिल्ली श्री सुखराज सेठिया अध्यक्ष जैन श्वेतांबर तेरापंथ सभा- दिल्ली, अणुव्रत गौरव श्री कन्हैया लाल जैन पटावरी, अध्यक्ष भगवान महावीर मेमोरियल समिति दिल्ली, समाज भूषण श्री मांगीलाल सेठिया ,संयोजक तेरापंथ विकास परिषद, श्री संजय खटेड़ उपाध्यक्ष- श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी महासभा, राजा इकबाल सिंह, महापौर दिल्ली नगर निगम द्वारा की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. मुनिश्री अभिजित कुमार जी द्वारा आर्षवाणी नमस्कार महामंत्र से किया गया। अणुव्रत गीत का संगान अणुव्रत सदस्यों द्वारा, ज्ञान वाला के ज्ञानार्थियों द्वारा आचार्य तुलसी के जीवन पर प्रकाश, एवं महिलाओं द्वारा सामूहिक गीत की प्रस्तुति की गई। मुख्य अतिथि और अतिथियों को अणुव्रत पटका, अणुव्रत साहित्य और प्रतीक चिन्ह देकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर डॉ. मुनि अभिजीत कुमारजी ने अपने उद्बोधन में आचार्य श्री तुलसी अणुव्रत आंदोलन के विषय में अपने विचार रखें। मुनि श्री जागृतकुमार जी ने भी अपने विचारों की प्रस्तुति दी।
माननीया मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कह- आचार्य तुलसी जी का अणुव्रत आंदोलन केवल उपदेशों का नहीं, बल्कि मानवता के उत्थान, आत्मसंयम और नैतिकता के पुनर्जागरण का सशक्त माध्यम है। जब व्यक्ति अपने आचरण में सत्य, करुणा और अनुशासन को अपनाता है, तभी समाज में वास्तविक परिवर्तन संभव होता है। यदि हम सभी अपने जीवन में छोटे-छोटे संकल्प जैसे स्वदेशी को अपनाना, पर्यावरण की रक्षा करना, सत्यनिष्ठा और नियमों का पालन करना आदि नियमों को अपने जीवन में उतार लें, तो यही छोटे व्रत समाज में बड़े और स्थायी बदलाव का आधार बन सकते हैं। मेयर राजा इकबाल सिंह ने अपने संबोधन में कहा -अणुव्रत अपने आप जीवन में आ जाता हैं अगर हम अपने जीवन में संयम और अनुशासन अपना ले तो जीवन में बदलाव जरूर दिखेगा अणुव्रत और गुरुवाणी में बहुत समानता देखने को मिली हम सभी एक राष्ट्र और सौहार्द के लिए मिलकर कार्य कर रहे है।‌ संदीप कपूर ने कहा कि अणुव्रत दिवस पर आचार्य तुलसी जी के जीवन को हम अपने दिनचर्या का हिस्सा बना ले तो अपने आप बदलाव महसूस करेंगे मैं अणुव्रत समिति और जैन श्वेतांबर तेरापंथ को बधाई देता हूं जिन्होंने अणुव्रत दिवस पर सभी को एक साथ जोड़ने का कार्य करने के साथ समाज सुधार में अपना योगदान दे रहे हैं। अणुव्रत समिति ट्रस्ट-दिल्ली के अध्यक्ष श्री बाबूलाल गोलछा ने अपने स्वागत संबोधन में कहा - भैया दूज का आलौकिक पर्व, शुभ मंगल बेला एक ऐसी महान आत्मा एक शब्दातीत आत्मा युगपुरुष आचार्य श्री तुलसी का अवतरण हुआ जिसने अशांत विश्व को शांति का संदेश दिया। तुलसी एक ऐसे व्यक्तित्व थे जिन्होंने स्वतंत्र भारत के सूर्योदय के साथ हिंसा और अनैतिकता के उफनते वेग को देखकर अणुव्रत का सूत्रपात किया। यही नहीं चारों ओर फैलती हुई हिंसा, अशांति, राजनैतिक विषमता को पनपते देख अणुव्रत को नव अभियान के रूप में आंदोलन की गति प्रदान की और शनै: शनै: यह आंदोलन समाज की व्यवस्थाओं की आधारशिला बन गई। '
'अणुव्रत गौरव' श्री कन्हैयालाल जैन पटावरी एवं दिल्ली सभा अध्यक्ष सुखराज सेठिया का भी सारर्भित वक्तव्य हुआ। आभार ज्ञापन कार्यक्रम संयोजक श्री बाबूलाल दुगङ ने किया। कार्यक्रम का संचालन प्रमोद घोड़ावत ने कुशलता पूर्वक किया। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री जी की मन की बात का भी प्रसारण किया गया।