साध्वी चंद्रिकाश्री जी के प्रति आध्यात्मिक उद्गार
जीवन धन्य बनाया
साध्वी स्वस्तिक-कौशलप्रभा
जीवन धन्य बनाया।
गुरुकुलवासी बनकर गुरु सन्निधि का लाभ उठाया॥
महाप्रज्ञ गुरुवर शासन में मिला अमोला संयम
जप से तेरी जुड़ी इकतारी लक्ष्य बना था उपशम
डेढ़ दशक की संयम-यात्रा, देशाटन खूब सुहाया॥
जीवन धन्य बनाया॥
हँसता-खिलता चेहरा हरदम मीठी-मीठी वाणी
मिलनसारिता, कार्यकुशलता पौरुष की सहनाणी
सार तत्त्व का समझा गहरा, जन-जन को समझाया॥
जीवन धन्य बनाया॥
छोटी वय में सही वेदना हद हिम्मत दिखलाई
समय-समय पर दर्शन देकर सेवा खूब कराई
महाश्रमण गुरु महाश्रमणी ने कृपा भाव बरसाया॥
जीवन धन्य बनाया॥
लय : संयममय जीवन हो---