रूपांतरण थू्र जैनिज़्म कषाय कार्यशाला
हैदराबाद
अभातेममं के निर्देशानुसार, तेममं के तत्त्वावधान में रूपांतरण थ्रू जैनिज़्म के विषय ‘कषाय’ पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। साध्वी मधुस्मिता जी एवं साध्वी काव्यलता जी का सान्निध्य प्राप्त हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत नमस्कार महामंत्र द्वारा की गई। मंगलाचरण का संगान मंडल की बहनों द्वारा किया गया। मंडल अध्यक्ष अनीता गीड़िया ने सभी का स्वागत किया। सर्वप्रथम साध्वी काव्यलता जी द्वारा बहनों को कषाय पर प्रेरणा प्राप्त हुई। उन्होंने कहा कि कषाय वह शत्रु है, जो आत्मा को मलीन करता है। राग-द्वेष हमारे कषाय को बढ़ाते हैं, यदि हमारे भीतर का राग-द्वेष नहीं हो तो कषाय की मंदता स्वत: हो जाती है। साध्वी मधुस्मिता जी ने कहा कि चारों कषाय पुनर्जन्म का भिक्ष हैं। राग-द्वेष का परित्याग करके ही वीतरागता प्राप्त होती है। जीवन में हमारा लक्ष्य वीतराग को प्राप्त करना ही है। इस कला से पारंगत होने वाला व्यक्ति सकारात्मक चिंतन वाला व्यक्ति बन जाता है। हमें दुर्व्यवहार वाले के साथ भी सद्व्यवहार करना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन सुशील मोदी द्वारा किया गया। आभार उपाध्यक्ष सरला मेहता द्वारा किया गया। बहनों की कार्यशाला में बहुत अच्छी उपस्थिति रही। प्रमुखश्री जी के अमृत मनोनयन दिवस पर 51 संकल्प सीमा नाहर ने बहनों को दिए। जिन्हें सभी ने करने का संकल्प लिया।