आस्था का समुंद्रर बहता रहे

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आस्था का समुंद्रर बहता रहे

हैदराबाद
साध्वी मधुस्मिता जी एवं साध्वी काव्यलता जी ने अपने सहवर्तनी साध्वी स्वस्थप्रभा जी, साध्वी भावयशा जी, साध्वी सहजयशा जी, साध्वी मल्लीप्रभा जी, साध्वी ज्योतियशा जी, साध्वी सुरभिप्रभा जी के साथ चातुर्मास सुसंपन्‍न कर आईडीपीएल क्षेत्र, हैदराबाद से अपने आगामी गंतव्य की ओर विशाल जन-सैलाब के साक्ष्य में विहार किया। विहार से पूर्व साध्वी मधुस्मिता जी ने कहाजहाँ आस्था, समर्पण, श्रद्धा का समंदर बहता है, वहाँ भगवान भी भक्‍तों के वश में हो जाते हैं। आईडीपीएल की सड़कों पर उमड़ती श्रावक-श्राविकाओं की भक्‍ति में श्रद्धा का बल था। यहाँ के श्रावकों ने साधु-संतों के प्रति अपनी विशेष भक्‍ति दिखाई है। नवरत्न अमिता महनोत ने अपने उद्गार व्यक्‍त किए। साध्वीवृंद के बढ़ते कदमों के साथ सिकंदराबाद तेरापंथ सभा अध्यक्ष सुरेश सुराणा, उपाध्यक्ष बाबूलाल बैद, महिला मंडल अध्यक्ष अनीता गिड़िया, उपाध्यक्ष सरला मेहता, तेयुप अध्यक्ष प्रवीण श्यामसुखा, तेयुप पूर्व अध्यक्ष श्रवण कोठारी सहित अनेक सभा-संस्थाओं के पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।
विवेकानंद नगर, रीक्रिएशन, कुकटपल्ली पहुँचकर साध्वी मधुस्मिता जी ने एवं साध्वी काव्यलता जी ने सेवा देने वाले एक-एक व्यक्‍ति का नाम जोड़कर गीतिका प्रस्तुत की। साध्वीवृंद का वात्सल्य भाव, ममता, विनय अपने श्रावकों पर अटूट था।