शासनश्री साध्वी पद्मावती जी के अनशन के प्रति काव्यात्मक उद्गार

शासनश्री साध्वी पद्मावती जी के अनशन के प्रति काव्यात्मक उद्गार

अर्हम्

साध्वी मंगलप्रज्ञा 

जीवन सफल बनाया।
शासनश्री साध्वी पद्मावती अनुपम अवसर पाया।
अनशन धारण कर चेतन मंदिर में दीप जलाया॥

जन्म हुआ सतिवर का सुखकर कुल गेलड़ा प्रमुदित,
शहर शाहदा महाराष्ट्र की भाग्यलता वर विकसित,
वीर बालिका को पाकर परिकर ने भाग्य सराया॥

चढ़ती वय में सतिवर ने स्वीकारी संयम सरणी,
भवसागर से पार उतरने बन गई सुखमय तरणी,
तुलसी गुरुवर चरण शरण, संयम सुरतरु लहराया॥

गुरुकृपा से साध्वी भत्तू नगिना सन्‍निधि पाई,
देश-प्रदेशों में कर विचरण गण की आब बढ़ाई,
सेवाभावी, सरल स्वभावी सतिवर ने गण महकाया॥

चढ़ते परिणामों से सतिवर ने पचखा संथारा,
चौविहार तप अंतर प्रज्ञा दिखलाया चौथा आरा,
बार-बार बलिहारी जाएँ, हृदय कमल हरसाया॥

धन्य-धन्य बड़भागण सतिवर, भैक्षव शासन पाया,
महाश्रमण गुरुवर शासन में नव इतिहास रचाया,
मंगलप्रज्ञा सतियों सह भावों का अर्घ्य चढ़ाया॥

लय : संयममय जीवन हो----