पुरुषादानी पुरुषोत्तम पार्श्वनाथ
कुंभकोणम
23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ जन्म कल्याणक का आयोजन मुनि अर्हत कुमार जी के सान्निध्य में एमपी रेजिडेंसी कुंभकोणम में मनाया गया। आराध्य देव की स्तुति करते हुए मुनि अर्हत कुमार जी ने कहा कि भगवान पार्श्वनाथ का पावन नाम चिंतामणि रत्न समान कामित फलदाता है, कल्पवृक्ष के समान सुख-संपत्ति का विस्तार करने वाला है और तीर्थ के समान आत्मा को शुद्ध-बुद्ध बना जन्म-मरण का संताप मिटाने वाला है। मुनि भरत कुमार जी ने कहा कि भगवान पार्श्वनाथ का जाप, मिटाता भव संताप, नहीं रहता कोई ताप, कट जाते हैं सारे पाप। बाल संत मुनि जयदीप कुमार जी ने भगवान पार्श्व पर गीत का संगान किया। तेरापंथ महिला मंडल ने सामुहिक गीत की प्रस्तुति दी। उपस्थित जन-समुदाय ने पार्श्वनाथ की स्तुति में जप-तप से स्तवना की। धर्मीचंद छल्लाणी ने कार्यक्रम की जानकारी दी।