आध्यात्मिक संगम दो धाराओं का
यावली (मोहोल), महाराष्ट्र
साध्वी निर्वाणश्री जी एवं आचार्यश्री शिवमुनि की सुशिष्या साध्वी डॉ0 प्रतिभाश्री का मोहोल में मिलन हुआ। जैन धर्म संप्रदाय की दो धाराओं का विहार यात्रा में सोलापुर-पुणे राजमार्ग पर संगम सौहार्द की सुवास लेकर आया।
हैदराबाद में चातुर्मास संपन्न कर पुणे की ओर द्रुतगति से गतिमान साध्वी निर्वाणश्री जी के आगम की सूचना
पाकर साध्वी डॉ0 प्रतिभाश्री जी अपनी सहवर्ती साध्वी श्रद्धाश्री जी, साध्वी सर्वज्ञाश्री जी, साध्वी परिज्ञाश्री जी, साध्वी प्रणिधि आदि के साथ राष्ट्रीय महामार्ग पर पहुँच गई। एक-दूसरे को आमने-सामने पाकर यात्रा की सुखपृच्छा सह-अभिवादन कर ग्यारह ही साध्वियाँ प्रमुदित हो गईं। एक-दूसरों की यात्रा की मंगलकामना कर साध्वियाँ अपने-अपने गंतव्य की ओर प्रस्थित हो गईं। साध्वी निर्वाणश्री जी 12:5 किलोमीटर का विहार कर यावली पहुँचीं। जहाँ चौधरी परिवार ने साध्वीश्री जी का भावभरा स्वागत किया। शिवाराम चौधरी के आवास में साध्वीश्री जी की कमला चौधरी, ममता चौधरी आदि ने अगवानी की।