ज्ञानशाला कार्यक्रम
उत्तर हावड़ा
साध्वी स्वर्णरेखाजी की प्रेरणा से ट्रस्ट भवन में ज्ञानशाला कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत साध्वीश्रीजी द्वारा भगवान पार्श्वनाथ की स्तुति के साथ हुई। संवाद के माध्यम से प्रशिक्षिकाओं ने बताया कि ज्ञानशाला आना क्यों जरूरी है और वहाँ पर क्या सिखाया जाता है। तत्पश्चात सभी प्रशिक्षिकाओं द्वारा आचार्यश्री महाश्रमण जी द्वारा रचित ज्ञानशाला की एक गीतिका का संगान किया। बच्चों ने एक नाटक के माध्यम से दिखाया कि ज्ञानशाला जाने से उनमें क्या-क्या बदलाव हुए। उत्तर हावड़ा सभा के अध्यक्ष राकेश संचेती ने ज्ञानशाला के बारे में बताया। ज्ञानशाला संयोजक प्रदीप बैद ने उत्तर हावड़ा की ज्ञानशालाओं के बारे में बताया एवं प्रशिक्षिकाओं को निस्वार्थ सेवा करने के लिए साधुवाद दिया। बंगाल की आंचलिक संयोजिका डॉ0 प्रेमलता चोरड़िया एवं सह-संयोजिका पारख ने कार्यक्रम में उपस्थित होकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। प्रेमलता चोरड़िया ने अपने विचार व्यक्त किए एवं नई ज्ञानशाला खोलने की प्रेरणा दी। अंत में आभार ज्ञापन ज्ञानशाला संयोजिका सरिता पटावरी ने किया। कार्यक्रम का संचालन उत्तर हावड़ा ज्ञानशाला की मुख्य प्रशिक्षिका मंजु कोठारी ने किया।