158वाँ मर्यादा महोत्सव आयोजित

संस्थाएं

158वाँ मर्यादा महोत्सव आयोजित

आर0सी0 व्यास कॉलोनी
शासनश्री मुनि हर्षलाल जी स्वामी के सान्‍निध्य में आर0सी0 व्यास कॉलोनी स्थित जयाचार्य भवन में तेरापंथ धर्मसंघ का 158वाँ मर्यादा महोत्सव मनाया गया। शासनश्री मुनि हर्षलाल जी स्वामी के महामंत्रोच्चारण से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ, शासनश्री ने तेरापंथ के प्रथम आचार्य भिक्षु द्वारा मर्यादा पत्र को स्थापित कर मर्यादा के महाकुंभ का मंगल आगाज किया। कार्यक्रम में तेरापंथ महिला मंडल द्वारा मंगलाचरण की प्रस्तुति दी गई। बाल कलाकार हीरेन चोरड़िया, दक्ष बड़ोला ने गीतिका एवं कनिष्का रांका ने भक्‍तामर का शुद्ध उच्चारण प्रस्तुत किया। ज्ञानशाला के बच्चोंअजय गोखरू, दर्शित चोरड़िया, दक्ष बड़ोला, दीप चोरड़िया, दीक्षित सेठिया, कस्वी गोखरू, वक्‍तव्य दुगड़, खुशी चोरड़िया, अदम्य देवड़ा, मनन दुगड़, शौर्य रांका ने तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारह आचार्यों पर आधारित मंत्रमुग्ध करने वाले शब्दचित्र की प्रस्तुति दी। शासन माता साध्वीप्रमुखाश्री पर आधारित शब्द चित्र की अक्षी रांका ने प्रस्तुति दी। ज्ञानशाला कार्यक्रम का संचालन ज्ञानशाला प्रशिक्षिका ज्योति दुगड़ ने किया। ज्ञानशाला संयोजिका सुमन लोढ़ा व सह-संयोजिका संगीता चोरड़िया का सहयोग रहा।
शासनश्री मुनि हर्षलाल जी ने कहा कि तेरापंथ धर्मसंघ एक मर्यादित धर्मसंघ है। मर्यादा का महोत्सव सिर्फ तेरापंथ धर्मसंघ में ही मनाया जाता है। मर्यादा वो मशाल है जो जिंदगी को जगमगा देती है। आज हमें संकल्प करना है, हम गुरु इंगित की आराधना करेंगे। तेरापंथ के प्रति समर्पण भाव रखने वाला ही धर्मसंघ का सशक्‍त सदस्य हो सकता है। तेरापंथ धर्मसंघ में गुरु इंगित सर्वोपरि है, हमारा मूल मंत्र एक गुरु और एक विधान है। आज हम मर्यादा पुरुषोत्तम आचार्य भिक्षु को नमन करते हैं। कार्यक्रम का संचालन करते हुए मुनि आनंद कुमार जी ‘कालू’ ने कहा कि जीवन में खुशियाँ स्थापित करने का नाम हैमर्यादा। अगर मर्यादा न हो तो जीवन बेकार है। मर्यादाहीन व्यक्‍ति बिना ब्रेक की गाड़ी की तरह है जो कभी भी कहीं भी दुर्घटना का कारण बन सकता है। मर्यादा एक लक्ष्मण रेखा है जो पार कर लेता है उसका पतन हो जाता है। और जो सीमा में रहकर जीवन पर्यन्त कार्य करता है, उसका जीवन शांतिपूर्ण निकलता है। हर चीज में मर्यादा आवश्यक है। साध्वी गुणमाला जी की सहवर्तिनी साध्वी नव्यप्रभा जी एवं साध्वी उन्‍नतप्रभाजी ने अपने उद्गार व्यक्‍त किए। मुनि आनंद कुमार जी ‘कालू’ ने मर्यादा घोष का समुच्चारण करते हुए मर्यादा गीत का संगान किया। तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष मीना बाबेल, पूर्व अध्यक्ष चंद्रकांता चोरड़िया, तेयुप अध्यक्ष संदीप चोरड़िया आदि ने अपनी भावाभिव्यक्‍ति प्रदान की। सभी का स्वागत भिक्षु सेवा संस्थान अध्यक्ष दिनेश कांठेड़ ने एवं आभार ज्ञापन मंत्री दिलीप रांका ने किया। संघ गीत के संगान से कार्यक्रम का समापन हुआ।