मर्यादा महोत्सव कार्यक्रम
भुवनेश्वर
मुनि जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में तेरापंथ भवन में 158वाँ मर्यादा महोत्सव समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भुवनेश्वर, कटक, पुरी, बलांगीर, सूरत आदि क्षेत्रों के लोग अच्छी संख्या में उपस्थित थे। मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा कि भारत के इतिहास में जिस प्रकार 15 अगस्त और 26 जनवरी का महत्त्व है, उसी प्रकार तेरापंथ धर्मसंघ में आषाढ़ी पूर्णिमा और माघ शुक्ला सप्तमी का महत्त्व है। तेरापंथ धर्मसंघ के संस्थापक आचार्य भिक्षु ने संघ को सुव्यवस्थित अनुशासित, मर्यादित व संगठित मर्यादा महोत्सव का आधार बना। मर्यादा महोत्सव के सूत्रधार चतुर्थ आचार्य जयाचार्य थे। आचार्य भिक्षु वज्र संकल्पी और कुशल शिल्पी थे। उनकी साधना बेजोड़ थी। इस अवसर पर बाल मुनि कुणाल कुमार जी ने भी सुमधुर गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का शुभारंभ तेरापंथ कन्या मंडल के मंगलाचरण से हुआ। स्वागत भाषण तेरापंथ सभा के अध्यक्ष बच्छराज बेताला ने दिया। अल्प संख्यक आयोग के सदस्य प्रकाश बेताला, बलांगीर से मनोज जैन, कटक सभा के मंत्री मनोज दुगड़ ने अपने विचार व्यक्त किए। तेरापंथ महिला मंडल, तेयुप, संघीय गीतों के मधुर संगायक कमल सेठिया, सूरत से पूनम बुरड़ ने मर्यादा गीतों का संगान किया। आभार ज्ञापन सभा मंत्री पारस सुराणा ने व कार्यक्रम का संचालन मुनि परमानंद जी ने किया।