तेरापंथ की मर्यादा विश्व में विशिष्ट
सेलम
मुनि सुधाकर कुमार जी एवं मुनि नरेश कुमार जी के सान्निध्य में 158वाँ मर्यादा महोत्सव मनाया गया। विश्व में तेरापंथ एकमात्र ऐसा धर्मसंघ है जो एक आचार्य और एक विधान को मनाता है। तेरापंथ धर्मसंघ की एकता, संगठन, अनुशासन और मर्यादा का प्रतीक हैमर्यादा महोत्सव। मुनि सुधाकर जी ने कहा कि यह भैक्षव शासन एक नंदन वन है। यहाँ हरेक व्यक्ति, साधु हो या श्रावक, मर्यादित जीवन जीता है। आचार्य निष्ठा, विचार शुद्धि तथा संघ व संघपति के प्रति समर्पण भाव को मजबूत करने का अवसर है यह खास दिन। श्रीमज्जयाचार्य ने आचार्य भिक्षु की दूरदर्शिता, परंपरा एवं दर्शन को आगे बढ़ाने के लिए जो तीन उत्सव संघ को प्रदान किए उनमें एक हैमर्यादा महोत्सव। मुनि नरेश कुमार जी ने कहा कि पतंग तब तक ऊँचाइयों को छूती है जब तक वह डोर से बंधी है। ठीक उसी प्रकार मनुष्य का जीवन स्तर तब तक प्रगतिशील है जब तक वह मर्यादित एवं संयमित है।
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि अभातेममं की अध्यक्ष नीलम सेठिया ने कहा कि तेरापंथ श्रावक का सच्चा परिवार ही अनुशासनवान होना है। मुख्य अतिथि चेन्नई सभा के अध्यक्ष प्यारेलाल पितलिया ने भी अपने विचार व्यक्त करने के साथ-साथ सभा को तमिलनाडू सरकार द्वारा जैन अल्पसंख्यक प्रमाणपत्र हासिल करने की प्रक्रिया के सरलीकरण के बारे में जानकारी साझा की। सेलम सभा के अध्यक्ष राजेश भंसाली ने सभी का स्वागत-अभिनंदन किया। चेन्नई साहुकारपेट ट्रस्ट के चेयरमैन विमल चिप्पड़, तनसुखलाल नाहर, कोयंबटूर के सभा अध्यक्ष प्रेम सुराणा, सेलम ट्रस्ट के चेयरमैन विरेंद्र कुमार सेठिया, महिला मंडल अध्यक्ष सुनीता बोहरा सहित अनेक सदस्यों ने अपने भाव व्यक्त किए। आभार ज्ञापन तेयुप अध्यक्ष भरत डूंगरवाल ने किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में रमेश आंचलिया, अशोक चोपड़ा, प्रशांत लुंकड़ और पुनीत डूंगरवाल ने विशेष सहयोग दिया। मंच संचालन सभा के मंत्री प्रवीण बोहरा ने किया।