विविध गुणों के समवाय का नाम हैं आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी
जीन्द
शासनश्री साध्वी कुंथुश्री जी के सान्निध्य में तेरापंथ सभा के तत्त्वावधान में डॉ0 अनिल एवं डॉ0 मीनाक्षी अस्पताल में आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी का 102वाँ जन्म दिन हर्षोल्लासपूर्वक मनाया गया।
साध्वीश्री के मंत्रोच्चार से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। महिला मंडल की बहनों ने जप महाप्रज्ञ की जय हो गीत से मंगलाचरण किया। साध्वी कुंथुश्री जी ने अपने मंगल उद्बोधन में कहाकरुणा के महासागर थे आचार्य महाप्रज्ञ जी, विविध गुणों के समवाय का नाम हैआचार्य महाप्रज्ञजी।
उनका पवित्र जीवन उदात्त चरित्र पारदर्शी व्यक्तित्व हर व्यक्ति को अभिभूत करने वाला था। उन्होंने अहिंसा यात्रा में सभी वर्ण, जाति, धर्म, संप्रदाय को सद्भावना, भाईचारे का संदेश दिया। वे युगप्रधान आचार्य थे, युग की समस्या का समाधान किया। प्रेक्षाध्यान का अनुपम अवदान दिया। प्रज्ञा के महान अवतार प्रज्ञा पुरुष की एक किरण प्रज्ञा की, हमारे जीवन में उतर जाए तो आपका जन्म दिवस मनाना सार्थक होगा। आपकी ज्ञान रश्मि, ध्यान रश्मि, योग रश्मि एवं आपकी प्रयोग रश्मि को प्रणाम।
साध्वी कंचनरेखा जी ने कहा कि जयंती उन्हीं की मनाई जाती है जो महापुरुष होते हैं। सध्वी सुमंगलाश्री जी ने एवं साध्वी सुलभयशा जी ने सुमधुर गीत से श्रोताओं का ध्यान आकर्षित किया। टीपीएफ के सदस्य डॉ0 अनिल जैन, डॉ0 सुरेश जैन ने आचार्य महाप्रज्ञ जी के प्रति श्रद्धासिक्त भावों की अभिव्यक्ति दी। रक्षिता जैन ने रोचक प्रस्तुति दी। प्रेक्षा जैन, प्रज्ञा सिंगला, सतीश चौहान, नारायण सिंह मास्टर, नरेश जैन, सभाध्यक्ष खजानचंद जैन आदि वक्ताओं ने गीत एवं भाषण के माध्यम से भावांजलि प्रकट की। पटियाला चौक के बच्चों ने एक प्रेरक आकर्षक एकाकी प्रस्तुत की।
कार्यक्रम का संचालन तेयुप परामर्शक राजेश जैन ने किया। आभार ज्ञापन श्रीचंद जैन ने किया। कार्यक्रम की उपस्थिति सराहनीय रही। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ. अनिल जैन एवं उनकी टीम का विशेष सहयोग रहा।