बच्चों में संस्कारों के सिंचन का सरल माध्यम - ज्ञानशाला
भीलवाड़ा
आचार्य श्री तुलसी द्वारा बच्चों में संस्कारों के निर्माण निमित्त दिया गया एक अवदान हैज्ञानशाला। ज्ञानशाला में बच्चों को संस्कारों के साथ-साथ धर्मध्यान एवं उच्च आचरण के साथ कैसे जीवन जिएँ सिखाया जाता है। भीलवाड़ा आर0सी0 व्यास कॉलोनी स्थित जयाचार्य भवन में विराजित तेरापंथ धर्मसंघ के सबसे वयोवृद्ध संत शासनश्री मुनि हर्षलाल जी स्वामी एवं मुनि आनंद कुमार जी स्वामी द्वारा बच्चों में संस्कारों के सिंचन हेतु ज्ञानशाला प्रशिक्षिकाओं एवं ज्ञानशाला के बच्चों में उपयुक्त शिक्षा दी जाती रही है। इसी क्रम में लुहारिया निवासी शंकरलाल दुगड़, कंचन देवी दुगड़ के पौत्र एवं चलथान प्रवासी ज्ञान दुगड़, वर्षा दुगड़ के पुत्र वंदन दुगड़ ने मुनिश्री के समक्ष प्रतिक्रमण, लोगस्स पाठ की प्रस्तुति दी। सुरेंद्र मेहता एवं बसंता देवी मेहता की विशेष उपस्थिति रही। वर्षा दुगड़ ने कहा कि वंदन अभी भक्तांमर पाठ सिखा रहा है। मुनि आनंद कुमार जी ने वंदन एवं उनके माता-पिता को प्रेरणा पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि ज्ञानशाला ही एक ऐसा माध्यम है जिससे बच्चों में संस्कार के साथ-साथ धर्म के प्रति जागरूकता बढ़ती है।