अणुव्रत काव्यधारा का आयोजन
जसोल
समणी हंसप्रज्ञा जी, समणी मानसप्रज्ञा जी के सान्निध्य में पुराना ओसवाल भवन में अणुव्रत विश्व भारती, सोसायटी के तत्त्वावधान में राष्ट्रीय स्तर पर 74वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में अणुव्रत काव्यधारा कार्यक्रम का आगाज हुआ। सर्वप्रथम समणी हंसप्रज्ञा जी ने नमस्कार महामंत्र के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। मंगलाचरण महिला मंडल एवं कन्या मंडल ने व नवकार स्कूल की बालिकाओं द्वारा अणुव्रत गीत से हुआ। स्वागत भाषण समिति के अध्यक्ष पारसमल गोलेच्छा ने प्रस्तुत किया। समणी हंसप्रज्ञा जी ने कहा कि आचार्यश्री तुलसी ने इंसान को इंसानियत का रास्ता दिखाया। आचार्यश्री तुलसी ने अणुव्रत आंदोलन के माध्यम से मानव को मानवता अपनाने का अह्वान किया। मुख्य अतिथि बालोतरा नगर परिषद की चेयरमैन सुमित्रा जैन एवं समारोह के अध्यक्ष डॉ0 राजेंद्र जैन अपने विचार व्यक्त किए। समणी मानसप्रज्ञा जी ने कहा कि नशा वनाश का द्वार है, बीड़ी-सिगरेट, पान-पराग, गुटखा-जर्दा आदि शरीर के लिए अत्यंत घातक है। विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय संघ के समरसता संयोजक देवेंद्र माली, डॉ0 सिम्मी जैन ने अपने विचार व्यक्त किए। सुप्रसिद्ध कविगणकवि अशोक प्रदीप, कमलेश चोपड़ा, अमृतलाल बुरड़, सीए ओमप्रकाश बांठिया, सुरेश डोसी, शंकरलाल ढेलड़िया, भूपतराज कोठारी, सफरू खांन आदि प्रबुद्धजनों ने अणुव्रत आचार संहिता, कविताओं के द्वारा सबको प्रभावित किया। इस अवसर पर गौतमचंद सालेचा, मोतीलाल जीरावला, भंवरलाल भंसाली, डूंगरचंद सालेचा, डूंगरचंद भंसाली, बाबूलाल बोकड़िया, चंपालाल श्रीश्रीमाल, शांतिलाल भंसाली, तरुण भंसाली सहित तेरापंथ सभा, तेयुप, महिला मंडल, कन्या मंडल एवं अणुव्रत समिति, वनकार स्कूल के सदस्य, विद्यार्थीगण एवं समाज के गणमान्य लोग उपस्थित थे। सभी आगंतुक अतिथियों का स्वागत अणुव्रत दुपट्टा पहनाकर व साहित्य के द्वारा सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन अणुव्रत समिति के प्रभारी भूपतराज कोठारी ने किया।