नारी लाज बहुत करती है। वह मुख और आंख दिख न जाए इसलिए पर्दा रखती हैं, गालियां गाने लगती है तो मानो कपड़े ही डाल दिए। - आचार्य श्री भिक्षु
नारी लाज बहुत करती है। वह मुख और आंख दिख न जाए इसलिए पर्दा रखती हैं, गालियां गाने लगती है तो मानो कपड़े ही डाल दिए।