पूर्वांचल स्तरीय जैन संस्कार विधि संस्कारक प्रशिक्षण एवं निर्माण कार्यशाला
उत्तर हावड़ा
अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के तत्त्वावधान में पूर्वांचल स्तरीय जैन संस्कार विधि संस्कारक प्रशिक्षण एवं निर्माण कार्यशाला का द्विदिवसीय आयोजन तेयुप, उत्तर हावड़ा द्वारा किया गया। कार्यशाला के लिए 71 संभागियों का नाम आया। 37 संभागियों ने कार्यशाला में सहभागिता दर्ज कराई। कार्यशाला के प्रथम सत्र का शुभारंभ नवकार महामंत्र जप से हुआ। तेयुप, उत्तर हावड़ा की गौतम भजन मंडली द्वारा विजय गीत का संगान किया गया। श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन अभातेयुप राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज डागा ने उपस्थितजनों को करवाया। तेयुप, उत्तर हावड़ा के अध्यक्ष प्रवीण कुमार सिंघी ने स्वागत वक्तव्य दिया। तत्पश्चात जैन संस्कार विधि से अभातेयुप राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज डागा का जन्मदिवस मुख्य प्रशिक्षक डालिमचंद नवलखा एवं 18 सहयोगी संस्कारकों ने पूर्ण मंत्रोच्चार के साथ मनाया। अभातेयुप राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज डागा ने कहा कि मेरी शादी जैन संस्कार विधि से हुई है और आज का जन्मदिन मुझे उस पल की याद दिलाता है। आज का दिन मेरे जीवन में अमूल्य धरोहर होगी। प्रथम सत्र का संचालन तेयुप मंत्री विनीत कोठारी ने किया। द्वितीय एवं चतुर्थ सत्र में मुख्य प्रशिक्षक डालिमचंद नवलखा ने जैन दर्शन, जैन सिद्धांत, जैन संस्कृति, जैन जीवनशैली एवं जैन संस्कार विधि से कार्यक्रम संपादित करने के बारे में बताया। तृतीय सत्र में जैन संस्कार विधि राष्ट्रीय प्रभारी राकेश जैन ने जैन संस्कार विधि में करणीय व अकरणीय कार्य के बारे में बताते हुए मंलभावना पत्रक के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यशाला में उपस्थित सभी प्रतिभागियों ने गुरुदेव इंगित 7 से 8 के बीच शनिवारीय सामायिक की। प्रथम दिन के रात्रिकालीन अंतिम सत्र में गु्रप में उच्चारण शुद्धि का क्रम चला जिसमें चार ग्रुप के माध्यम से संभागियों को उच्चारण शुद्धि करवाया। कार्यशाला के दूसरे दिन प्रथम सत्र में जैन संस्कार विधि से विवाह संस्कार कैसे होता है, उसका डेमो दिखाया गया। राष्ट्रीय सह-प्रभारी संजय भंडारी ने अपना प्रभावी वक्तव्य रखा। उसके पश्चात सभी संभागियों की प्रायोगिक व मौखिक परीक्षा ली। फिडबैक लिया, जिसमें संभागियों ने द्विदिवसीय कार्यशाला के अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा किए।
दीक्षांत समारोह
दीक्षांत समारोह का सामुहिक नवकार महामंत्र के मंत्रोच्चार के साथ शुभारंभ हुआ।
मुख्य प्रशिक्षक डालिमचंद नवलखा ने ली गई परीक्षा अनुसार 25 संस्कारकों को ‘धी’ श्रेणी संस्कारक की अर्हता प्रदान की।
कार्यशाला हेतु जे0एम0 जैन, कोलकाता का पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ। कार्यशाला में अपना अमूल्य समय निकालकर जे0एम0 जैन से स्नेह भंसाली एवं राकेश लुणावत पधारे। कार्यशाला की सारी व्यवस्था-संभागियों से बात करना, कन्फर्मेशन लेना, समय-समय पर रिमाइंडर करना आदि सारा कार्य तेयुप-उत्तर हावड़ा द्वारा किया गया, साथ ही प्रकाश कुमार सुराना-दिल्ली, विकास छाजेड़-इंदौर, विनीत लुनिया-गुवाहाटी, राजेश छाजेड़-सोलापुर, मनीष कुमार मालू-सूरत का अतुलनीय योगदान मिला। कार्यशाला के लिए तेयुप, उत्तर हावड़ा के सदस्यों का समर्पण और हर कार्य में सफल संयोजन कार्यशाला की सफलता का सौपान बना।
इस कार्यशाला का मुख्य सार रहा कि जैन संस्कार विधि टीम 3 ऐसे क्षेत्रों (दिनहाटा, मध्य उत्तर-कोलकाता, बेहाल) को छुआ जहाँ पहले एक भी संस्कारक नहीं थे। अब देश-विदेश के कुल 131 क्षेत्रों में 406 अभातेयुप अधिकृत संस्कारक हो गए हैं, सभी के प्रति मंगलकमाना।