समर्थ के लिए क्षमाक, कृपण के लिए दान, पूर्ण यौवन में शील और कायर के लिए संयम की साधना करना दुष्कर है। - आचार्य श्री भिक्षु
समर्थ के लिए क्षमाक, कृपण के लिए दान, पूर्ण यौवन में शील और कायर के लिए संयम की साधना करना दुष्कर है।
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