संथारो कर कर्यो कमाल
संथारो कर कर्यो कमाल
साध्वीप्रमुखा पा हुया निहाल।
संथारो कर कर्यो कमाल।।
पाँच दशक रो वर्तारो, दियो कितानै थे सहारो।
थांस्यूं सारा हाँ खुशहाल।।1।।
तन री त्यागी थे ममता, देखी सगला म्हैं समता।
सही वेदना थे विकराल।।2।।
धीर वीर गंभीर अपार, साध्वीगण मोटो परिवार।
वत्सलता री राखी ढाल।।3।।
शासनमाता संबोधन गण वन में बरस्यो सावन।
महाश्रमण जी है गणपाल।।4।।
लय: छोटी-छोटी गैय्या