णमो महाश्रमणीवरम्
णमो महाश्रमणीवरम्
महाशक्ति का मंगलप्रयाण णमो महाश्रमणीवरं,
महाभक्ति का ऊर्ध्वप्रस्थान णमो महाश्रमणीवरं।
कोटि कोटि हृदय में वास तेरा,
अद्भुत अष्टगंध सुवास तेरा,
पसरी महिमा त्रि जगती जहान।
णमो महाश्रमणीवरम्---।।
गुरु चरणोपासिका सेवी तुम्हीं,
अमृत गर्मा अमृतदात्री तुम्हीं,
गुरुत्रय सेवा से पाया बहुमान।
णमो महाश्रमणीवरम्---।।
गणपति गणनायक महा कीर्तिधरं,
दिव्य ज्योतिर्धरं, संघ सृष्टि करं,
शासनमाता सुस्थापित सन्मान।
णमो महाश्रमणीवरम्---।।
जुग-जुग जाप जपेगा जन-जन तेरा,
भिक्षु शासन, शासनमाता तेरा,
शत सह कण्ठे कण्ठे तेरा गुणगान।
णमो महाश्रमणीवरम्---।।
लय: भक्ति करतां