महिमा थारी गावां
महिमा थारी गावां
साध्वी सुलभयशा
शासनमाता गण शान बढ़ाई हो,
म्है महिमा थारी गावां
जन-जन रे दिल में छाई हो
म्है महिमा---
चंदेरी री राज दुलारी
श्रमणी गण में छाप तुम्हारी
जागी हद पुण्याई हो।।
मुख मुद्रा थी बड़ी सुहानी
तुलसी गुरुवर कृति लुभानी
वचन सिद्धि वरदाई हो।।
तुलसी गुरु दृष्टि में चढ़गी
संघमणी महाश्रमणी मिलगी
सन्निधि थी सुखदाई हो।।
प्रमुख पद अर्धशदी तक पायो
सब प्रमुख में नाम कमायो
शासनमाता पदवी पाई हो।।
वात्सल्य पीठ दिल्ली में सुहायो
महाश्रमण गुरु मुख स्यूँ फरमायो
अंतिम समय गुरु सन्निधि सुखदाई हो।।
लय: बता मेरे यार सुदामा रे।