जीवन तुमने धन्य बनाया
जीवन तुमने धन्य बनाया।
शासनमाता का सम्मान पाया।।
पुण्याई से मानव जन्म है पाया।
संयम लेकर जीवन सफल बनाया।
गुरुवर तुलसी ने शिखरों चढ़ाया।।
शासनमाता---
शासन में जीना शासन में मरना।
शासन की सेवा करते भव जल तरना।
गुरु भक्ति से तुमने, ऊँचा स्थान पाया।।
शासनमाता----
तीन-तीन गुरुओं की सन्निधि पाई।
विनय समर्पण से, असाधारण कहलाई।
साध्वीप्रमुखा पद को, तुमने दिपाया।।
शासनमाता---
भाग्य से जीवन में यह पल आया।
गुरु महाश्रमण से संथारा पाया।
परम पद की ओर चरण बढ़ाया।।
शासनमाता---
लय: डस गयो कालो रे---