सादर अभिवंदन
शासनमाता चरणों में, सादर अभिवंदन,
अर्पित श्रद्धांजलियाँ, भावों का चंदन।।
कोलकाता में जन्म लिया, बैद परिवार में।
कला कमनीय बनी तुम, सबकी मन भावन।।
भव में उपकारी, लाखों का तारा है।
ऐसी माता को पाकर, मानस में पुलकन।।
घोर वेदना में समता, लख जन चकराया है।
शरीर का ऐसा हिस्सा, जहाँ न पीड़न।।
स्वर्णाक्षरों में अंकित, माँ बेटे की जोड़ी।
नश्वर तन से ममता, झटके से होड़ी।।
गुरु मुख से अनशन कर, इतिहास बनाया है।
त्वरित मंजिल वरण करो तुम, हम सबकी कामना।।