शासनमाता री स्मृतियाँ
शासनमाता री स्मृतियाँ पल-पल आवै सतिराज।
जन-जन सब थांरी गौरव गाथा गावै सतिराज।
मा छोटा री लाडली सूरजमल जी तात।
बहन है छोटी निर्मला विमल कमल दो भ्रात।
मधुरी सी वाणी थांरी घणी लुभावै। सतिराज।
तुलसी गुरु रै हाथ स्यूं ले संयम अनमोल।
खूब बढ्या हा ज्ञान में कला-कला अतोल।
लेखन शैली रो वर्णन मनन भावै सतिराज।
शिक्षा देता खूब बढ़ो, भरता सबमें जोश।
सोता उठता बैठता दियो सुधा रो पोष।
महाश्रमणी जी री किरपा दिल सरसावै सतिराज।
द्विशताब्दी अवसर दियो शासन रा सरताज।
मिली प्रेरणा आप री सिद्ध हुआ सब काज।
उपकार थांरो भूल्यो कदे न जावै सतिराज।
लय: ऊमराव थांरी