शासन माँ री जय
शासन माँ री जय
शासन माँ री जय-जयकार बोलो, चंदेरी में आज,
लाडनूं री लाड़ली पर म्हां सगला ने नाज।
शासन माँ री जय।।
गुरु तुलसी री अनुपम कृति हा, दिव्यमणि मिली सुखदायी,
लाडनूं री जन्मधरा, याद करे सारी।
शासन माँ री जय।।
जन्म-जन्म तक याद करसी, नारी पर कृपा भारी,
नारी आगे-आगे चाले, ऊर्जा री क्यारी।
गुरुत्रय री ही कृपा सवायी, सबने साता पहुँचायी,
जन-जन रो मन याद करे, खुशबू महकायी,
मिलकर श्रद्धा सुमन चढ़ावाँ, कृपा फलदायी।
शासन माँ री जय।।
लय: होली आई रे----