तेरी यादें पल-पल
तेरी यादें पल-पल, तेरी यादें पल-पल, तेरी यादें पल-पल,
तेरी यादें पल-पल, बहता छल छल, ममता निर्झर कलकल।
तेरी यादें पल-पल, श्वेत समुज्वल, जीवन था मुक्ताफल।।औ।।
किसी जनम के कर्म वेदनी, ने आ घेरा डाल दिया। हाँ आकर
चुपके चुपके से पता चला नहीं, उसने काम कमाल किया। हाँ
जीभर प्रयास करने पर भी, डॉक्टर का किंचित् चला न बल।।1।।
तेरी यादें पल-पल---
साहस से सब कुछ सहन किया, पौरुष था तेरा महाप्रबल। हाँ
गुरुदर्शन गुरुदर्शन गुरुदर्शन, एक रटन रहती प्रतिपल। हाँ
करके विहार लंबे-लंबे, देने आए प्रभुवर संबल।।2।।
तेरी यादें पल-पल---
कर्मठता से जीया जीवन, आलोकित करने वाला था।
मुख मुख महिमा के स्वर गूँजे, सबका दिल हरने वाला था।
युग-युग तक अमर रहोगी तुम, कनकोज्वल कनकप्रभा-अविरल।।3।।
तेरी यादें पल-पल----
दिल्ली महरौली अनुकंपा के, पास भवन का है प्रांगण।
शासनमाता की स्मृतियों से, अनुगूंजित क्षण वह कण-कण।
फैलेगी दशों दिशाओं में, सुरभित शतदल की यश परिमल।।4।।
तेरी यादें पल-पल----
लय: मेरे देश की धरती----