अर्हम

अर्हम

साधना शिखर चढाई है -2
शासन गाता गुरुवां की उजली परछांई है ।।टेक।।
पुण्याई रो बड़ो खजानो लेकर आया साथ।
सूरजमल छोटांजी रै घर उग्यो नयो प्रभात।
अमिट खुशियाली छाई है।।
कला-कला स्यूं कनकप्रभा बण शासन में आया।
भाग्य और पुरुषार्थ देव री मिली सुखद छाया।
प्रगति बगिया विकसााई है।।
महाश्रमणजी दीक्षा शिक्षा तुलसी स्यूं पाई।
सर्व समीक्षा कर प्रभु प्रमुखा पद पर बिठलाई।
संघ सौरभ महकाई है।।
अब तो मधुर प्रेरणावां यादां ही संबल है।
करां समर्पित भावांजलियां रा श्रीश्री फल है।
ढाल दादर में गाई है।।

लय - तावड़ा धीमो