साध्वीप्रमुखाश्री कनकप्रभाजी की स्मृति सभा के आयोजन
आसींद
शासनमाता असाधारण साध्वी प्रमुखाश्री कनकप्रभाजी का महाप्रयाण दिल्ली में हो गया। आपका तेरापंथ धर्मसंघ में एक महत्वपूर्ण स्थान था। आपका अपना वैदुष्य था। आपका सम्पूर्ण जीवन धर्मसंघ की सेवा में समर्पित रहा। आपकी कर्तव्यनिष्ठा, समर्पण भावना, साहित्य लेखन, अध्यात्म निष्ठा संघनिष्ठा, आचार निष्ठा, कार्यकुशलता, ऋजुता, विनम्रता अनुपम एवं बेजोड. थी। तीन-तीन आचार्यों की सेवा का अनुपम अवसर आपको प्राप्त हुआ। लगभग 50 वर्षों तक साध्वी प्रमुखा के रूप में सेवाएं देकर एक नए इतिहास का सृजन किया। यह विचार तेरापंथ भवन में आयोजित शासनमाता की स्मृति सभा को संबोधित करते हुए साध्वी जसवतीजी ने व्यक्त किए।
साध्वी ऋषभप्रभाजी ने कहा- ‘असाधारण साध्वी प्रमुखाश्री कनकप्रभाजी वात्सल्य की प्रतिमूर्ति थी। आप परम सौभाग्यशाली रहे कि परम पूज्य युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी लंबे-लंबे विहार कर आपको दर्शन देने राजस्थान से दिल्ली पधारे और आचार्य प्रवर की विद्यमानता में सागारी अनशन कर महाप्रयाण किया। आपकी आत्मा मोक्षगामी बने यही मंगल कामना।’
साध्वी ज्योत्स्ना कुमारी, साध्वी अनेकांतप्रभा एवं साध्वी माननीय प्रभा ने भी अपने वक्तव्य एवं कविता के द्वारा भावांजलि स्वरूप विचार व्यक्त किए। तेरापंथ सभा आसींद की ओर से उपाध्यक्ष बाबूलाल दूगड., मंत्री मदनलाल गोखरू, महिला मंडल मंत्री अंजना गोखरू, तेयुप अध्यक्ष लकी बाफना, देवेंद्र कुमार दुगड, सुरेश रांका, अभिनव चोरडि.या, हिरेन चोरडि.या, स्नेहा रांका आदि ने शासनमाता असाधारण साध्वी प्रमुखाश्री कनकप्रभाजी के प्रति भावांजलि अर्पित की, श्रद्धा सुमन अर्पित किए। कार्यक्रम की शुरुआत साध्वीश्री के नमस्कार महामंत्र से हुई। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार तेरापंथ शिक्षा समिति के मंत्री अनिल गोखरू ने किया।