भगवान महावीर ने अनेकांत दर्शन का सूत्रपात किया
जोधपुर।
शासनश्री साध्वी कुंथुश्री जी के सान्निध्य में एवं तेरापंथ सभा, जोधपुर के तत्त्वावधान में भगवान महावीर का 2621वाँ जन्म कल्याणक दिवस का आयोजन तातेड़ भवन में किया गया। साध्वीश्री जी के मंत्रोच्चार से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। मंगलाचरण मंजु सुराणा एवं संगीता तातेड़ ने किया। साध्वी कुंथुश्री जी ने कहा कि जब-जब भारत वसुंधरा पर नैतिकता का चिराग टिमटिमाने लगता है तब उनमें स्नेह संजोने हेतु महापुरुष अवतरित होते हैं।
भगवान महावीर ने उस समय विश्व के परिताप को दूर करने के लिए अकारत्रयी की दिव्य देशना दी। मन के वैर भाव को मिटाने के लिए अहिंसा का दर्शन दिया। भगवान महावीर ने अनेकांत दर्शन का सूत्रपात किया। आज समाज में जितने झगड़े हैं, विवाद हैं, उनका कारण है आग्रहवाद, एकांतवाद, अनेकांत के प्रयोग से सापेक्षता समन्वय के प्रयोग से इन समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। हम भगवान महावीर की पूजा करते हैं, स्तुति करते हैं, प्रशंसा करते हैं, उनकी आज्ञा को शिरोधार्य करें। उनके पदचिÐों पर चलें, उनकी बात को मानकर चलें, शब्दों को संदेश नहीं, जीवन को संदेश बनाएँ।
साध्वी कंचनरेखाजी, साध्वी सुमंगलाश्री जी ने अपने विचारों की अभिव्यक्ति दी। साध्वी सुलभयशा जी एवं साध्वी अपूर्वयशाजी ने सुमधुर गीत का संगान किया। नव दीक्षित साध्वी शिक्षाप्रभाजी ने गीत प्रस्तुत किया। महिला मंडल संरक्षिका आशा संघवी, सुधा भंसाली, जोधपुर सभाध्यक्ष धनपत मेहता आदि ने भगवान महावीर के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का संचालन मंत्री महेंद्र सुराणा ने किया।