साध्वीप्रमुखाश्री कनकप्रभाजी की स्मृति सभा के आयोजन
गुडियातम
साध्वीप्रमुखाश्री कनकप्रभाजी की स्मृति सभा के तत्त्वावधान में मुनि अर्हत् कुमार जी के सान्निध्य में तेरापंथ सभा भवन में मनाई गई। मुनि अर्हत् कुमार जी ने कहा कि जन्म लेना बड़ी बात नहीं, जन्म सभी लेते हैं, पर कुछ व्यक्ति अपने करिश्मे से संसार में अमिट छाप छोड़ जाते हैं। इतिहास वही रचाता है जिसका हर कदम करिश्माई होता है, जिसका चिंतन नूतनता लिए होता है। ऐसा ही एक व्यक्तित्व निखरकर आया साध्वीप्रमुखा कनकप्रभाजी के रूप में।
मुनि भरत कुमार जी ने कहा कि साध्वीप्रमुखा कनकप्रभाजी जिनका जीवन एक बोलता जीवन है, आदर्श जीवन है, वह साध्वी समाज का कोहिनूर थी। शक्ति और भक्ति का अद्भुत संगम थी। मुनि जयदीप कुमार जी ने मुनिश्री द्वारा शासनमाता पर गीत का संगान किया। कार्यक्रम का संचालन मानमल नाहर ने किया।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में तेरापंथ महिला मंडल ने गीत एवं दीपक आच्छा ने कविता द्वारा शासनमाता को भावांजलि दी। साध्वीप्रमुखाश्री कनकप्रभाजी को श्रद्धांजलि के रूप में सभा में चार लोगस्स का ध्यान किया गया। संचालन मुनि भरत कुमार जी ने किया।