रिटर्नअर्हम्
ऊँ जय शासन माता।
प्यारी प्यारी मूरत। सुख दाता त्राता।
कलकत्ता में जन्म लियो थे, राजनगर दीक्षा- माता
तुलसी रे चरणां में, ग्रहण करी शिक्षा।
सरस्वती कंठा में उतरी, हाथां में लेखन- माता
चलाती रहती हरदम, कियो श्रुत रो अवगाहन।
चुम्बक सी आकर्षण शक्ति, जादू नयना में - माता
गतिशील चरण हां थांरा, अपरित वचनां में ।
तुलसी कृपा स्यूं श्रमणी गण में, शिखर स्थान पायो- माता
विविध विभूषण भूषित, जीवन शोभायो।
महाश्रमण रे चरणां में, अंतिम सांस लियो- माता
पंडित मरण वरण कर, जीवन धन्य कियो।
तर्ज: आरती...