साध्वीप्रमुखाश्री कनकप्रभाजी की स्मृति सभा का आयोजन
भीनासर
मुनि मोहजीत कुमार जी के सान्निध्य में ‘शासनमाता की यादें’ स्मृति सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ नमस्कार महामंत्र के सह-संगान से हुआ। शासनमाता स्मृतियों के आकाश में धरती पर परिव्रजन करते हुए मुनि मोहजीत कुमार जी ने सैंतालिस वर्षों के दीक्षा पर्याय काल में अनेकों बार प्रेरणा, शाब्दिक प्रोत्साहन, शुभाशंसा भरे आत्मीय भाव के संदर्भ में अनेकों छोटे-छोटे प्रसंगों की प्रस्तुति कर स्वयं अभिभूत बनें।
स्मृतियों के संसार में मुनि भव्य कुमार जी ने कहा कि उनकी विनम्रता, समग्र महिला समाज के लिए ही नहीं अपितु मानव जाति के लिए आदर्श है। मुनि जयेश कुमार जी ने अपनी दीक्षा से दर्शन और प्रेरणा युक्त मुस्कान भरी यादों को भाव स्वरों में प्रकट किया। शासनश्री मुनि सुखलाल जी स्वामी के साथ बहिर्विहार में था, तब मैंने अपने दीक्षा दिवस पर पूज्यप्रवर के चरणों में अपनी भावना और आशीर्वाद की कामना से युक्त संस्कृत में पत्र तथा श्लोक निवेदित करता। वही पत्र एवं श्लोक जब साध्वीप्रमुखाश्री जी के पास पहुँचता तो वे स्वयं पढ़कर अपने आसपास की साध्वियों को दिखाकर कहतेµदेखो! जयेश मुनि का कितना सुंदर और भावपूर्ण पत्र-श्लोक आए हैं। यों एक बार नहीं अनेकों बार ऐसे प्रसंग आए हैं। प्रत्यक्ष हो या परोक्ष उनका कृपाभाव मुझ पर विशेष रहा। उनकी प्रेरणा मेरे लिए आदरणीय बनी हुई है। मुनि भव्य कुमार जी के गीत ने शासनमाता की स्मृति को तरोताजा प्रत्यक्ष कर दिया। गीतों और काव्य की बहार ने उनकी आभा को मुखरित कर दिया। सभा मंत्री महेंद्र वैद, महिला मंडल मोनिका सेठिया, सुशीला गोलछा ने अपने विचारों की प्रस्तुति दी।