शत-शत वंदन
नेमा के नंदन को करते शत् शत् वंदन
भक्ति के पुष्पों से श्रद्धा अभिनंदन।
स्वर ये सरगम के सब बोले हैं, सुन-सुन-सुन-सुन
षष्ठी-पूर्ति मनाएं प्रभुवर को बधाएं।
प्रभुवर को बधाएं मंगल तिलक लगाएं।।
संयम की सुरभि से स्वस्तिक सुमन सजाएं
क्रांति के कदमों में विजय ध्वजा फहराएं।
स्वर ये प्रगति के सब बोले है, जय-जय-जय-जय
मन के मंदिर में प्रभु तेरा रूप सुहाएं
नयनों में करूणा की अमृत धार बहाएं
स्वर ये प्रणति के सब बोले है, सुन-सुन-सुन-सुन
प्रभु के चरणों में हम करते शुभकामना
रहो निरामय हम पाएं अनुशासना
स्वर ये भक्ति के सब बोले है, जय-जय-जय-जय
पदाभिषेक अभिवंदना युगप्रधान की अर्चना।
युगप्रधान की अर्चना करते शत्-शत् वंदना।
तर्ज: साजनजी घर...