साध्वी करुणाश्री जी के प्रति भावांजलियाँ
अर्हम्
शासनश्री साध्वी यशोमती
करुणाश्री जी संयम जीवन स्वीकार्यो वरदायी।
नैय्या पार लगाई॥आ॥
कोमल तन कोमल मन कोमलता कण-कण में भारी।
गुरु की अनुपम करुणा स्यूं, सहयोग मिल्यो सुखकारी।
शांत सरल जीवन चर्या स्यूं, सब पर छाप नमाई॥1॥
शासन गौरव राजीमती जी को मिलग्यो हो सायो।
कान मान समता सब स्यूं, सम्मान अनूठो पायो।
एक स्थान की गरिमा महिमा, तुमने खूब बढ़ाई॥2॥
कर्म वेदनी बार-बार आ, अपनो रूप दिखायो।
समता स्यूं सब सहन कर्यो, आतम बल रयो सवायो।
मिल्यो सदा अनुकूल योग, आ ही थांरी पुण्याई॥3॥
शीघ्र मोक्ष को वरण करै, संयम स्यूं निर्मल आत्मा।
यशोमती आ करे कामना, आत्मा हो परमात्मा।
शांतवृत्ति साधक री निश्चित, बजै विजय शहनाई॥4॥
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