प्रभु को आज बधाएँ
युगप्रधान युगपुरुष को वंदन शत बार।
तुलसी महाप्रज्ञ गुरु तुमको बधाने आए महाश्रमण दरबार
शासनमाता गुरुवर को बधाने आए महाश्रमण दरबार।
युगप्रधान शासना में चलती कल्पतरु शीतल बहारें
अष्टसिद्धियाँ नवनिधियाँ मिलकर तेरे चरण पखारे
दवदंती जयवंती देवियाँ भी प्रभु को आज बधाएँ
अवनी अंबर में भी खुशियों की नई बहार।।1।।
धर्मसंघ के कण-कण में खुशियाँ आज बेअंदाज
पंचम आरे में पुण्याई से मिले तारणतरण जहाज
गुरुवर! युगों-युगों तक चलता रहे तेरा अचक्का राज
तुम्हारे इन पावन चरणों में हमारा अद्भुत संसार।।2।।
सप्तवर्षीय अहिंसा यात्रा का रचा नूतन इतिहास
कीर्तिधर गुरुवर ने किया विदेश धरा चातुर्मास
‘अमृत महोत्सव साध्वीप्रमुखा’ का दिया संघ को मधुमास
युगप्रधान अभिषेक पा जन्ममाटी हुई गुलजार।।3।।
लय: जन्ममाटी हुई गुलजार...