भगवान महावीर जन्म कल्याणक के आयोजन
श्रवणबेलगोला
भगवान महावीर के जन्म कल्याणक के अवसर पर डॉ0 साध्वी गवेषणाश्री जी ने कहा कि एक नारियल की प्राप्ति के लिए 12 वर्ष की प्रतीक्षा की जाती है वैसे ही जीवन को कुंदन बनाने के लिए बहुत साधना करनी पड़ती है। भगवान महावीर ने आकार और सकार के सिद्धांत दिए।
साध्वी मयंकप्रभाजी जी ने कहा कि भगवान महावीर की प्रस्तुति शब्दों और लेखों का विषय नहीं अनुभूति का विषय है। भगवान महावीर न दिगंबर थे न श्वेतांबर वे तो चिदम्बर थे। भगवान महावीर को समझने का अर्थ है स्थूल से सूक्ष्म की ओर, अंधकार से प्रकाश की ओर प्रयाण।
साध्वी दक्षप्रभाजी ने गीतिका प्रस्तुत की। साध्सवी मेरुप्रभाजी, साध्वी मयंकप्रभाजी, साध्वी दक्षप्रभाजी तीनों ने संवाद की प्रस्तुति दी। साध्वी मेरुप्रभाजी ने अपनी गीतिका से पूरी परिषद को भावविभोर कर दिया।
मंडिया सभा से मंत्री नरेंद्र दक ने बाहर से पधारने वाले श्रावक-श्राविकाओं का स्वागत किया। कोप्पल सभा अध्यक्ष पारसमल जीरावला और होलेनसीरपुर से विमल पितलिया और मैसूर से शांतिलाल नौलखा व विक्रम पितलिया और मंडया से युवक परिषद मंत्री प्रवीण दक ने अपने विचार व्यक्त किए। चन्नरायपटणा महिला मंडल ने गीतिका द्वारा अपने भाव व्यक्त किए। मंडिया कन्या मंडल से रितु दक एवं राजेश गोखरू ने गीतिका द्वारा अपने भाव व्यक्त किए।