ज्ञान के अथाह सागर थे आचार्य महाप्रज्ञ

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ज्ञान के अथाह सागर थे आचार्य महाप्रज्ञ

भुवनेश्वर।
मुनि जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में आचार्य महाप्रज्ञ जी का महाप्रयाण दिवस तेरापंथ भवन में तेरापंथी सभा द्वारा आयोजित हुआ।
मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा कि कुछ लोग अतीत की यादों में, कुछ लोग वर्तमान में व कुछ लोग भविष्य की कल्पना में जीते हैं। परंतु आचार्य महाप्रज्ञ तीनों कालों में सामंजस्य बिठाकर जीए। उन्होंने अतीत का अनुसंधान कर भविष्य के लिए योजनाएँ बनाते हुए वर्तमान में प्रयोग किए। वे कालजयी पुरुष थे। वे साहित्यकार, प्रवचनकार, संस्कृत, प्राकृत के आशु कवि ज्ञान के अथाह सागर थे। उन्होंने प्रेक्षाध्यान, जीवन-विज्ञान, अहिंसा समवाय आदि अवदान देकर मानव जाति को उपकृत किया।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उड़ीसा सरकार के गृहराज्यमंत्री दिव्य शंकर मिश्र ने अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर बाल मुनि कुणाल कुमार जी ने सुमधुर गीत का संगान किया। अतिथि ममता जैन ने अपने विचार व्यक्त किए। महासभा पंचमंडल सदस्य भंवरलाल बैद ने अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम का शुभारंभ तेरापंथ कन्या मंडल के मंगलाचरण से हुआ। स्वागत भाषण तेरापंथी सभा, भुवनेश्वर के अध्यक्ष बच्छराज बेताला ने दिया। तेयुप के अध्यक्ष विवेक बेताला, तेममं अध्यक्ष मधु गीड़िया ने अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर तेरापंथ महिला मंडल ने सुमधुर गीत का संगान किया। सुशीला सेठिया, मुन्नी देवी बेताला ने काव्य पाठ व धारिणी सुराणा ने गीत का संगान किया। आभार ज्ञापन मंत्री पारस सुराणा ने व संचालन मुनि परमानंद ने किया। अतिथियों का सम्मान सभा द्वारा किया गया।