भगवान महावीर के सिद्धांतों को जीना चाहिए
अयनावरम, चेन्नई।
जैन महासंघ के तत्त्वावधान में श्वेतांबर तेरापंथ, स्थानकवासी, मूर्तिपूजक एवं दिगंबर समुदाय की विशाल जनमेदिनी की समुपस्थिति में पंडित पूज्य आचार्यश्री मेघदर्शन सूरीश्वरजी एवं श्रमणवृंद और साध्वी डॉ0 मंगलप्रज्ञाजी एवं श्रमणीवृंद के सान्निध्य में दादावाड़ी के विशाल प्रांगण में भगवान महावीर का जन्म कल्याणक महोत्सव चारों तीर्थं के द्वारा मनाया गया। आचार्य मेघदर्शन सूरीश्वरजी ने कहा कि हमें महावीर के सिद्धांतों को अपनाकर आने वाले पीढ़ी को संस्कारवान बनाना चाहिए।
साध्वी प्रज्ञाश्री जी ने कहा कि हमें भगवान महावीर के सिद्धांतों को जीना चाहिए। साध्वी सिद्धिश्रीजी ने कहा कि महावीर के बारे में जितना कहा जाए कम है। उनकी शक्ति, साधना को जीवनपर्यन्त अपनाते जाएँ। साध्वी डॉ0 मंगलप्रज्ञा जी ने कहा कि आज महावीर का जन्मदिन ही नहीं अहिंसा, मैत्री, दया और प्रेम का जन्म दिन है। महावीर सत्य के पर्याय थे। पुरुषार्थ के द्वारा जगा हुआ मानव ही महावीर बन सकता है। मुख्य अतिथि विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हुकमचंद जैन सांवला ने महावीर के सिद्धांतों की वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उपयोगिता बताते हुए कहा कि उनके बताए मार्ग पर चलने से व्यक्ति के स्वयं का कल्याण तो होता ही है। अहिंसा, अपरिग्रह को आत्मसात करने से समाज, देश ही नहीं अपितु विश्व की अनेकानेक समस्याओं का समाधान स्वतः हो जाता है।
इससे पूर्व प्रातः अरिहंत शिवशक्ति, पेरीयमेडु, चुल्ले से अहिंसा रैली, वरघोड़े का आयोजन किया गया। वरघोड़े को अध्यक्ष राजकुमार बड़जाज्या, श्रेष्ठीवर्य रमेश कुमार मूथा एवं नवकारसी के लाभार्थी भरत कुमार एवं पूर्व अध्यक्ष पन्नालाल सिंघवी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसमें भगवान महावीर के जीवन-दर्शन से संबंधित जीवन झाँकियों के साथ अहिंसा घोष से पूरा वातावरण अहिंसामय बन गया। नमस्कार महामंत्र के सामुहिक उच्चारण से मंगल शुरुआत हुई। महासंघ द्वारा जैन समाज की विशिष्ट प्रतिभाओं का सम्मान किया गया। इस अवसर पर तमिलनाडू सरकार के मंत्री पी0के0 शेखर बाबू, एमएलए सितारामुलू, काउंसलर अभिषेक नाहर, राजेश जैन रंगीला, अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य प्यारेलाल पितलिया एवं प्रवीण टाटिया, महासंघ के मार्गदर्शन सज्जनराज मेहता सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित थे। धन्यवाद जैन महासंभ के उपाध्यक्ष विमल चिप्पड़ ने किया। कार्यक्रम का संचालन बिपिन सतावत ने किया।