महावीर जयंती कार्यक्रम
पातड़ा (पंजाब)।
साध्वी प्रतिभाश्री जी के सान्निध्य में तेरापंथ भवन, तुलसी नगर में महावीर जयंती मनाई गई। जैन-अजैन सभी की अच्छी उपस्थिति रही। मूनक आतद गाँव के व्यक्तियों ने भी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। साध्वीश्री जी ने कहा कि तीर्थंकर के जन्म के समय सभी को सुख की अनुभूति होती है। महान आत्मा के महान कार्य होते हैं। वैभव की वृद्धि जन्म से पूर्व ही होने लगी। लेकिन भगवान को भौतिक सुविधाएँ कभी नहीं लुभाई। उनके चरण बढ़ गए राग से विराग की ओर, भोग से त्याग की ओर। और साधना में कष्टों को सहते-सहते चढ़ गए मुक्ति के सोपान।
साध्वी विकासप्रभाजी ने उनके बचपन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे बचपन से ही निर्भय थे। उन्होंने बचपन में खेल के समय सर्प को हाथ से पकड़ एक तरफ फेंक दिया।
साध्वी नीतिप्रभाजी ने कार्यक्रम का संयोजन किया। कार्यक्रम का मंगलाचरण सुखराज जैन ने किया, महिला मंडल द्वारा गीतिका की प्रस्तुति दी। सभा अध्यक्ष कोषाध्यक्ष ने अपने भावों की प्रस्तुति दी। रतनलाल, उषा जैन ने गीत के माध्यम से अपनी भावना रखी। कन्या मंडल व महिला मंडल ने कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। ज्ञानशाला के बच्चों की सुंदर प्रस्तुति हुई।