महान विचारक थे आचार्य महाप्रज्ञ

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महान विचारक थे आचार्य महाप्रज्ञ

पारलू।
आचार्य महाप्रज्ञ का संपूर्ण जीवन मानवीय अर्हताओं की सुरक्षा के लिए समर्पित था। वे निश्चय और व्यवहार जगत के लिए प्रेरणा òोत थे। आचार्य महाप्रज्ञ ने अहिंसा, शांति, विश्व मैत्री के क्षेत्र में पहचान बनाई। आचार्य महाप्रज्ञ ने आचार्य भिक्षु एवं आचार्य तुलसी के विचारों को युगीन शैली मे प्रस्तुत कर साहित्य जगत की महान सेवा की। उन्होंने जीवन के हर पहलू पर समसामयिक विचारों से समाधान दिया। जैन योग के क्षेत्र में उनका अप्रतिम अवदान प्रेक्षाध्यान था। ये विचार मुनि मोहजीत कुमार जी ने आचार्य महाप्रज्ञ के 13वें महाप्रयाण स्मृति दिवस पर कहे।
मुनिश्री ने महाप्रज्ञ के जीवन, दर्शन एवं कर्तृत्व के संदर्भ में अनेक प्रसंगों की प्रस्तुति देते हुए गीत का संगान किया। मुनि भव्य कुमार जी ने उनके अनुपमेय व्यक्तित्व को उनके रूपों में प्रकाश डालते हुए गीत से उन्हें श्रद्धांजलि समर्पित की। मुनि जयेश कुमार जी ने आचार्य महाप्रज्ञ के द्वारा प्रदत्त अवदानों को आधुनिक शैली में प्रकट करते हुए गीत की पंक्तियों को मुखर कर उनके प्रति श्रद्धा का अर्घ्य चढ़ाया। कार्यक्रम का शुभारंभ नमस्कार महामंत्र एवं महाप्रज्ञ अष्टकम के पद्य से हुआ। इस अवसर पर रमेश बागरेचा, हर्ष बागरेचा ने श्रद्धासिक्त भावों से श्रद्धांजलि दी। तेरांपथ महिला मंडल एवं कन्या मंडल ने सस्वर संगान किया। तृप्ति बागरेचा ने कार्यक्रम का संचालन किया। कार्यक्रम में आसपास के अनेक क्षेत्रों के श्रद्धालुजनों ने भाग लेकर मुक्त श्रद्धांजलि समर्पित की।