
तप के महान कीर्ति स्तंभ का नाम है - भगवान ऋषभ
कोटा।
साध्वी अणिमाश्री जी के सान्निध्य में तेरापंथी सभा, कोटा के तत्त्वावधान में गुलाबबाड़ी स्थित तेरापंथ भवन में अक्षय तृतीया का कार्यक्रम समायोजित हुआ। इस अवसर पर साध्वी डॉ0 सुधाप्रभाजी के वर्षीतप एवं अनीता के वर्षीतप एवं अक्षेंद्र पावेचा के एकासन वर्षीतप की अनुमोदना की। साध्वी अणिमाश्री जी ने कहा कि जन-जन को मुक्ति का पथ दिखाने वाले आदिनाथ भगवान ने आज के दिन लगभग 400 दिन की तपस्या को संपन्न किया। दुनिया को दान देने की विधि का प्रवर्तमान करने वाले भगवान ऋषभदेव की आत्मा ने बहुत पहले ही शिववत्व को प्राप्त कर लिया।
साध्वी डॉ0 सुधाप्रभाजी ने वर्षीतप के द्वारा भगवान ऋषभ को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। भाई अक्षेंद्र पावेचा एवं अनीता पावेचा ने जोड़े से वर्षीतप किया है। साध्वी सुधाप्रभाजी ने कहा कि जीवन को नवीनता का पथ देने वाली अनुपमेय स्फूर्णा का नाम है - भगवान ऋषभ।
भगवान ऋषभ आज जिनशासन में हजारों-हजारों तपस्वी वर्षीतप कर भगवान ऋषभ को तप का अर्घ समर्पित कर रहे हैं। मैं भी गुरु भक्ति से गुरु के आशीर्वाद से तथा साध्वीश्री जी के वात्सल्य संभ्रत ऊर्जा से एवं साध्वी कर्णिकाश्री जी, साध्वी समतवयशाजी एवं साध्वी मैत्रीप्रभाजी के सहयोग से वर्षीतप के पथ पर अग्रसर हुई अब संपन्नता की ओर है, यही कामना करती हूँ मेरा वर्षीतप सानंद संपन्न हो। गांभीर्य का वरण करने वाली मेरी अग्रजा भगिनी साध्वी अणिमाश्री जी एवं साध्वी मंगलप्रज्ञा जी की अति वत्सलता ने मुझे सदा आगे बढ़ाया है, सबके प्रति अहोभाव के साथ कृतज्ञता ज्ञापित करती हूँ। साध्वी कर्णिकाश्री जी ने कहा कि जो व्यक्ति तप का वर्षीतप नहीं कर सकते वो मौन का द्रव्य सीमा का क्रोध विजय का समता का वर्षीतप कर भगवान ऋषभ की अभ्यर्थना करें।
साध्वी मैत्रीप्रभाजी ने मंच संचालन करते हुए कहा कि समस्या का समाधान देने वाली चेतना का नाम है - भगवान ऋषभ तलहटी से शिखर तक की यात्रा करने वाले शिखर पुरुष का नाम है-भगवान ऋषभ। साध्वी सुधाप्रभाजी ने लगभग 11 तप की लड़ी, कंठी तप धर्मचक्र तप, वर्षीतप करके तपस्या की पंक्ति में अपना नाम लिखाया ही आपकी जान आराधना तप आराधना निरंतर बढ़ती रहे।
साध्वी समत्वयशा जी ने सुमधुर स्वरों के साथ साध्वी सुधाप्रभाजी के तप की अनुमोदना की। साध्वी कर्णिकाश्री जी, साध्वी सुधाप्रभाजी, साध्वी समत्वयशाजी, साध्वी मैत्रीप्रभाजी ने भाई अक्षेंद्र पावेचा एवं बहन अनीता पावेचा के वर्षीतप की अनुमोदना में गीत प्रस्तुत किया। सभा के पूर्व अध्यक्ष वरिष्ठ श्रावक रतनलाल जैन, सभा अध्यक्ष संजय बोथरा, मंत्री धर्मचंद जैन, महिला मंउल अध्यक्षा उषा बाफना, तेयुप के पूर्व अध्यक्ष महावीर हीरावत, अणुव्रत समिति के मंत्री भूपेंद्र बरड़िया, योगेश पावेचा ने साध्वी सुधाप्रभाजी एवं तपस्वी भाई-बहनों के तप की अनुमोदना की।
साध्वीश्री के संसारपक्षीय भाई शांतिलाल सेठिया, बहनोई अशोक बरड़िया, भाभी उपासिका ललिता सेठिया, बहन संगीता बरड़िया एवं माँ महादानी श्राविका भीखी देवी सेठिया ने गीत व वक्तव्य के द्वारा अपने भाव व्यक्त किए। तपस्वी भाई अक्षेंद्र पावेचा ने उद्गार व्यक्त किए, महिला मंडल की बहनों ने सुमधुर गीत का संगान किया। मंत्री धर्मचंद जैन एवं हेमलता जैन ने मंगल संगान किया, सभा, महिला मंडल, अणुव्रत समिति, तेयुप द्वारा सम्मान किया गया।