नवमनोनीत साध्वीप्रमुखाश्रीजी के लिए शुभकामना स्वर अभिनंदन तुलसी-महाप्रज्ञ युग की अनुपमेय कलाकृति का
15 मई 2022 को तेरापंथ धर्मसंघ के प्रांगण में हर्ष, आनन्द, उल्लास, उमंग व उत्साह के स्फुलिंग निकल रहे थे। चिंहु दिशाओं में अनिर्वचनीय खुशी का माहौल था। क्यों?
क्योंकि शासन सरताज युगप्रधान आचार्य महाश्रमणजी ने तुलसी महाप्रज्ञ युग की अनुपमेय कलाकृति मुख्य नियोजिका साध्वी विश्रुतविभाजी को श्रमणीगण की सिरमोर बना दिया था। साध्वी समाज की मुकुटमणि के रूप में प्रतिष्ठित कर दिया। युगद्रष्टा पूज्यप्रवर ने युगानुकूल साध्वी प्रमुखा का चयन कर साध्वी समाज को ही नहीं सम्पूर्ण संघ को निश्चिंत बना दिया है। सरस्वती तनया सतिशेखरे! हमें तो ऐसा लगता है-
- आपश्री का चयन साध्वी समाज के विश्वास का चयन है।
- आपश्री का चयन आचार्य तुलसी की पारखी नजरों का चयन हैै।
- आपश्री का चयन आचार्य महाप्रज्ञ द्वारा तराशी गई प्रतिभा का चयन है।
- आपश्री का चयन आचार्य महाश्रमण जी के असीम अनुग्रह का चयन है।
- आपश्री का चयन शासनमाता के अगाध वात्सल्य का चयन है।
- आपश्री का चयन प्रबुद्धता व प्रखर-चिंतन का चयन है।
- आपश्री का चयन श्रद्धा व समर्पण का चयन है।
- आपश्री का चयन निस्पृहता व निरहंकारिता का चयन है।
- आपश्री का चयन सहजता व सरलता का चयन है।
- आपश्री का चयन समता, ममता व क्षमता का चयन है।
- आपश्री का चयन साधना की तेजस्विता व चारित्र की उज्जवलता का चयन है।
- आपश्री का चयन विनम्रता व गंभिरता का चयन हो।
- आपश्री का चयन अनुशासनप्रियता व मर्यादानिष्ठा का चयन है।
- आपश्री का चयन श्रमशीलता व कार्यकुशलता का चयन है।
- आपश्री का चयन ज्ञानरश्मि व चैतन्यरश्मि का चयन है।
- आपश्री का चयन तप व जप की महाज्योत का चयन है।
- आपश्री का चयन संघ के सौभाग्य का चयन है।
आपश्री के विराट व्यक्तित्व को व्याख्यायित करने के लिए शब्दों का संसार अल्प है। फिर भी शब्दाकोश के कुछ शब्दों द्वारा साध्वी समाज के महाग्रंथ साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभाजी के प्रभावशाली व्यक्तित्व को विश्लेषित करना चाहती हैं-
विनम्रता, गंभीरता, अनुशासनप्रियता के त्रिवेणी संगम का नाम है- साध्वी प्रमुखा विश्रुतविभाजी।
श्रद्धा, समर्पण, गुरुभक्ति व गणभक्ति के प्रकाश से स्वयं को प्रकाशित करने वाली दीपशिखा का नाम है-साध्वी प्रमुखा विश्रुतविभाजी।
हिम्मत व हौसले का अपर नाम है- साध्वी प्रमुखा विश्रुतविभाजी।
अनाशक्ति व निर्मलता का पर्याय है- साध्वी प्रमुखा विश्रुतविभाजी।
जो थके कदमों में उल्लास व उत्साह का संचार करती है, उस जीवनी शक्ति का नाम है- साध्वी प्रमुखा विश्रुतविभाजी।
हर अंधेरे मोड़ को आलोकित करने वाली आलोक रश्मि का नाम है- साध्वी प्रमुखा विश्रुतविभाजी।
ज्ञान की गंगोत्री का नाम है- साध्वी प्रमुखा विश्रुतविभाजी।
आपश्री के हर कदम में आलोेक है। नयनों में नेह का अमृत है। आपके मस्तिष्क में दुर्लभ ज्ञान-मणियां है। आप संघ का गौरव है। आपश्री के हृदय में छलकते प्रेम व करुणा के ज्योतिकलश आपश्री की जीवन-यात्रा को ज्योतिर्मय बना रहे हैं। हर क्षण आपश्री की सौम्यमुद्रा धरती पर ज्योतसना बिखेरती रहे। आप गणमाली महाश्रमण प्रभु की अनुशासन में साध्वी समाज का योगक्षेम करती रहें।
आपश्री के ममता के आंचल में सम्पूर्ण साध्वी समाज चित्तसमाधिस्थ रहकर साधना-आराधना करेगा। आपश्री का विराट व्यक्तित्व युग को नव संबोध प्रदान करेगा। आपश्री के नयनों से प्रवाहित नेह के निर्झर में अभिस्नात होकर अभ्यागत तोष की अनुभूति करेगा, ऐसा हमारा विश्वास है।
आपश्री के निराले नेतृत्व में आपश्री का साध्वी समाज संघ में विकास के नए द्वार उद्घाटित करे। आपश्री की प्रेरक सन्निधि हम सभी के भीतर प्रेरणा का प्रदीप प्रज्ज्वलित करती रहे।
आप क्रोड़ दीवाली राज करो। युगों-युगों तक श्रमणीगण की रिछपाल करो, अहनिर्श आरोग्यलक्ष्मी का वरण करो आपका कार्यकाल यशस्वी, तेजस्वी व वर्चस्वी हो। आप अपने कर्तृत्व से संघ के भाल पर कालजयी आलेख लिखें। हर-पल, हर-क्षण पूज्यप्रवर की अमृतमयी दृष्टि का अमृतपान करते रहें। मंगलकामना! शुभकामना! श्रद्धाप्रणति
अभिवंदना! अभिवंदना!! अभिवंदना!!!
बधाई! बधाई!! बधाई!!!