शासनश्री साध्वी गुणमालाजी का देवलोकगमन

शासनश्री साध्वी गुणमालाजी का देवलोकगमन

भीलवाड़ा।
शासनश्री साध्वी गुणमालाजी का भीलवाड़ा में 11 मिनट में संथारे के साथ देवलोकगमन हो गया। भीलवाड़ा के मंदिरमार्गी संप्रदाय के पूनमचंद तलेसरा एवं माता फेफाबाई के परिवार में इनका जन्म हुआ। ननिहाल परिवार तेरापंथी होने की वजह से बालिका गुलाब का झुकाव तेरापंथ की ओर हो गया। पारिवारिक विरोध को सुयोग में बदलकर पारमार्थिक शिक्षण संस्था में प्रवेश लेकर शिक्षा प्राप्त की। साध्वी जीवन शासन गौरव साध्वी किस्तूरांजी के साथ 35 वर्ष रही एवं सुदूर यात्राएँ की। उन्होंने अनेक गीतिकाएँ, नाटक, श्लोक आदि की रचना की। दो मासखमण, 15 तक की तपस्या की लड़ी, प्रतिवर्ष दो तेला, महिने में चार उपवास, आयंबिल आदि तपस्याएँ कीं। 2001 तारानगर मर्यादा महोत्सव पर आचार्य महाप्रज्ञ जी ने इन्हें अग्रगण्य बनाया। आपने अनेक लोगों को बारहव्रती व अणुव्रती बनाया। अग्रगण्य के रूप में मारवाड़, मेवाड़, थली, मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र की यात्रा की। 5 अप्रैल, 2022 को आचार्यप्रवर से आज्ञा प्राप्त कर सागारी संथारा करवाया गया। 6 अप्रैल, 2022 को प्रतिक्रमण के दौरान संथारा करवाया एवं कुछ मिनटों के पश्चात 63 वर्ष के संयम पर्याय के साथ शासनश्री साध्वी गुणमालाजी का देवलोकगमन हो गया।