शासनश्री साध्वी हुलांसाजी का देवलोकगमन
देशनोक।
शासनश्री साध्वी हुलांसाजी का 16 मई, 2022 रात्रि 11ः15 बजे देवलोकगमन हो गया। चैत्र कृष्णा चतुर्थी वि0सं0 1989 को माता मनोहरी देवी पिता ऊमचंद जी मुगड़ी की कुक्षि से आपका जन्म हुआ। दीर्घ तपस्विनी साध्वी अणचांजी जो कि आपके संसारपक्षीय मौसीजी थे उनकी प्रेरणा से आपके भीतर वैराग्य बीज का अंकुरण हुआ और मंत्रीमुनिश्री मगनलालजी स्वामी के सहयोग से साढ़े बारह वर्ष की लघुवय में गुरुदेव तुलसी के मुख कमल व करकमल से संयम रत्न प्राप्त हुआ। गुरुदेव तुलसी की कृपा से दीर्घ तपस्विनी साध्वी अणचांजी के साथ आपको बीस वर्ष गुरुकुलवास में रहने का सुंदर अवसर प्राप्त हुआ। इस दौरान आपने मुंबई व कोलकाता की यात्रा भी की। वि0सं0 2031 मर्यादा महोत्सव के पश्चात गुरुदेव तुलसी ने आपको अग्रणी बनाया। इस दौरान आपने राजस्थान, मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा के अनेक क्षेत्रों की यात्राएँ की।
आपके सिद्धांत व तत्त्वज्ञान भी अच्छा था। अध्ययन व स्वाध्याय की रुचि थी। आपकी रसना-विजय अद्भुत थी। 40 वर्ष की लघुवय से अंतिम अवस्था तक आपने पूरे दिन में दवाई, पानी को छोड़कर 7 साल द्रव्यों का ही उपयोग किया। वैशाख शुक्ला पूर्णिमा के दिन-रात 11ः15 पर 89 वर्ष की अवस्था में देशनोक में आपका प्रयाण हो गया। अंतिम समय में आपकी समता अनुकरणीय थी।