तप अभिनंदन समारोह
भुवनेश्वर, उड़ीसा।
मुनि जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में तेरापंथ सभा के तत्त्वावधान में तप अभिनंदन का कार्यक्रम तेरापंथ भवन में आयोजित हुआ। इस अवसर पर मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा कि जीवन विकास के चार सूत्र हैं-सम्यग् ज्ञान, सम्यग् दर्शन, सम्यग् चारित्र, सम्यग् तप। तप से आत्म शक्ति का प्रवर्धन होता है। तप अध्यात्म साधना का प्राण है। तप से विवेक चेतना जागृत होती है। मुनिश्री ने आगे कहा कि जैन धर्म में तप का बहुत बड़ा महत्त्व है।
यश शांतिलाल बैद ने भीषण गर्मी में भी 8 दिनों की तपस्या करके मानो नया इतिहास रचाया है। मैं इसके मनोबल को साधुवाद देता हूँ। इस अवसर पर पारमार्थिक शिक्षण संस्था के कोषाध्यक्ष जसराज बुरड़, तेरापंथ सभा के अध्यक्ष बच्छराज बेताला, विरेंद्र बेताला परिवार की बहनें व कन्याओं ने गीत की प्रस्तुति दी। मुनि कुणाल कुमार जी ने गीत प्रस्तुत किया। मुनि परमानंद जी ने विचार रखे एवं कार्यक्रम का संचालन किया। तेरापंथ सभा की तरफ से तपस्वी का बहुमान किया गया।