साध्वीप्रमुखा मनोनयन के अवसर पर हृदयोद्गार
शासनश्री साध्वी रतनश्री, लाडनूं
युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण प्रवर ने अपने गहरे अनुभव एवं शुभचिन्तन के आधार पर साध्वी समाज की सुव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए संघ के सम्मुख एक तरासा हुआ एक कीमती हीरा प्रस्तुत किया, इसके लिये साध्वी समाज गुरूदेव के प्रति बहुत-बहुत आभारी है। वह हीरा है मुख्य नियोजिका साध्वी विश्रुतविभाजी। आप आचार्य महाप्रज्ञ की कृपा पात्र, अनुभव शील विदुषी, कुशलवक्ता हैं। हिन्दी, संस्कृत, प्राकृत एवं अंग्रेजी आदि भाषाओं पर आपका अधिकार है। मधुरता एवं व्यवहार कुशलता आदि अनेक विशेषताएं आप मे हैं। मुझे अत्यन्त सात्विक गौरव की अनुभूति होती है कि आचार्य श्री तुलसी की जन्मभूमि लाडनूं तथा मेरी भी जन्मभूमि पर आज तीसरी साध्वी प्रमुखा का चयन हुआ है। विशिष्ट गुणों से मंडित वर्तमान साध्वी प्रमुखा विश्रुतविभाजी को सश्रद्धा नमन, नमन, नमन।