साध्वीप्रमुखा मनोनयन के अवसर पर मन के उद्गार
15 मई का दिन। युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी का 49वां दीक्षा दिवस। पूरे तेरापंथ धर्मसंघ में खुशियांें का वातावरण। सूर्योदय के साथ आचार्य प्रवर की एक उद्घोषणा ने सबकी खुशियों को और अधिक वृद्धिगंत कर दिया। तेरापंथ की साध्वी प्रमुखाओं के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा था। सबकी निगाहें इस नूतन नयनाभिराम नजारे को निहारने के लिए उत्सुक हो रही थी। पूरा धर्मसंघ सरदारशहर में आने वाले उन इतिहास सर्जक पलों का इंतजार करने लगा।
कुछ घण्टों पश्चात् इंतजार की घड़ियांें ने विराम लिया। पूज्यप्रवर के मुखारविंद से तेरापंथ धर्मसंघ की नवम् साध्वीप्रमुखा का नाम सुनते ही पूरे धर्मसंघ में खुशियों की लहर आ गई। आपश्री को चारों ओर से शुभकामनाएं प्राप्त होने लगी। हमारा मन भी प्रसन्न व प्रमुदित है। हम सभी साध्वियां दूर स्थित ही आपको धर्मसंघ की शुभकामनाएं प्रेषित करती हैं व आपश्री का तेरापंथ धर्मसंघ की नवम् साध्वीप्रमुखाश्री के रूप में हार्दिक स्वागत व अभिनंदन करते हैं। आपश्री के प्रति यही मंगलकामना करते हैं कि आप स्वस्थ रहते हुए दीर्घकाल तक हम सबको दिशा-निर्देश देती रहें और आपभ्ह के प्रेरणा नीर से सिंचन पा हम सबका साधना रूपी बाग पुष्पित और पल्लवित होता रहे। पुनश्च अनंत-अनंत शुभकामनाएं