संतों के प्रवास से सभी लाभ उठाएँ
भुवनेश्वर।
मुनि डॉ0 ज्ञानेंद्र कुमार जी एवं मुनि जिनेश कुमार जी का आध्यात्मिक मिलन तेरापंथ भवन में हुआ। आध्यात्मिक मिलन के अवसर पर भुवनेश्वर, कटक आदि क्षेत्रों से अच्छी संख्या में श्रद्धालुजन उपस्थित थे। आध्यात्मिक मिलन समारोह मुनि डॉ0 ज्ञानेंद्र कुमार जी ने कहा कि साधु-साध्वियाँ जब भी आएँ श्रावक समाज का फर्ज है कि वे उनकी सेवा-उपासना करें। चारित्र वंदनीय होता है। चारित्र युक्त संत समाज से कुछ लेने के लिए नहीं अपितु देने के लिए आते हैं। मुनि जिनेश कुमार जी आदि संतों से मिलकर खूब प्रसन्नता हुई।
इस अवसर पर मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा संतों से सर्वोदय और भाग्योदय होता है। संत व्यक्ति के पाप, ताप, उत्ताप, संताप का हरण करने वाले होते हैं। आज वरिष्ठ संत डॉ0 मुनि ज्ञानेंद्र कुमार जी से मिलकर अत्यंत प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है। मुनि ज्ञानेंद्र कुमार जी ज्ञानी संत हैं। वे तपस्वी व साधक हैं। सभी को संतों के प्रवास का खूब लाभ उठाना है।
इस अवसर पर डॉ0 मुनि विमलेश कुमार जी, मुनि पदम कुमार जी ने प्रासंगिक विचार व्यक्त किए। मुनि कुणाल कुमार जी ने गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम पर तेरापंथी महासभा अध्यक्ष मनसुखलाल सेठिया, तेयुप मंत्री दीपक सामसुखा, तेममं अध्यक्षा मधु गीड़िया, वरिष्ठ श्रावक मंगलचंद चोरड़िया, तेरापंथ सभा कटक के सहमंत्री मुकेश डूंगरवाल ने अपने विचार व्यक्त किए। तेममं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन मुनि परमानंद जी ने किया।