गुरु दृष्टि एवं संयम से बने युगप्रधान महाश्रम
कांटाबाजी।
युगप्रधान महाश्रमण जी का 49वाँ जन्मदिवस पर आयोजित महाश्रमणोस्तु मंगलम् भक्ति संध्या पर जनसभा को संबोधित करते हुए मुनि प्रशांत कुमार जी ने कहा कि दीक्षा लेने पर विकास के रास्ते खुलते हैं। व्यक्ति दीक्षित होने के बाद कहाँ से कहाँ पहुँच जाते हैं। आचार्यश्री महाश्रमण जी ने दीक्षा ली, संयम की साधना की, गुरुदृष्टि की आराधना करके आज संघ के आचार्य बन गए। दीक्षा लेने वाले के अंतराय देने से बहुत पाप कर्म का बंधन हो जाता है। कार्यक्रम का शुभारंभ महिला मंडल के मंगलाचरण से हुआ। संजय जैन, अजय जैन, कन्या मंडल, बगुमुंडा से तुलसीराम जैन, बॉबी जैन, सपना जैन, ज्ञानशाला, अभातेयुप प्रभारी गौतम जैन, घासीराम जैन, मास्टर रेहांश जैन, रितु जैन ने गीत के द्वारा सुमधुर प्रस्तुति दी। ज्ञानशाला परिवार ने परिसंवाद प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संयोजन तेयुप पूर्व अध्यक्ष विकास जैन ने किया।